तितली रानी-तितली रानी,
करती हो, दिन भर मनमानी।
बच्चों से क्यों डरती हो?
खुले गगन में उड़ती हो।
रंग-बिरंगे पंख तुम्हारे,
सुन्दर-सुन्दर, प्यारे-प्यारे।
इन पंखों पर हमें बिठाओ,
दूर गगन की सैर कराओ।
- रोहित अग्रवाल ‘
बच्चों की अलोकिक दुनिया आपका स्वागत है तितली सोसाइटी फॉर चिल्ड्रेन वेलफेयर की विशेष प्रस्तुति ----- संपादक - फहीम क़रार -----
संरक्षक - तेजेंद्र शर्मा , यूके
0 comments:
Post a Comment