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Wednesday, November 21, 2012

कविता



रोटी का पेड़


रोटी अगर पेड़ पर लगती
तोड़-तोड़कर खाते
तो पापा क्यो गेहूं लाते
और उन्हें पिसवाते?
रोज सवेरे उठकर हम
रोटी का पेड़ हिलाते,
रोटी गिरती टप-टप, टप-टप
उठा उठाकर खाते।

चिड़िया का घर


चिड़िया लिए चोंच में तिनका
चली बनाने घर,
कौन रहेगा, कौन रहेगा
उस घर के अंदर?
चिड़िया के दो बच्चे होंगे
उस घर के अंदर,
पर निकले तो उड़ जाएंगे
फर फर फर फर फर।

        - निरंकारदेव सेवक

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