मम्मी लोरी गाओ तुम,
हौले हौले थपकी देकर,
मुझको अभी सुलाओ तुम ।
नींद मेरी अंखियों में कैसे,
परियाँ आकर भरतीं हैं,
चंदा के रथ पर मेरे संग,
सैर वो कैसे करतीं है,
मुन्ना, बबुआ के सम्बोधन
से अब मुझे बुलाओ तुम ।।
तेरे आँचल की छैयां में,
मैं निर्भय हो जाऊँ गा,
तेरा प्यार भरा चुंबन पा
मैं जल्दी सो जाऊँ गा,
अब कुछ क्षण तक मम्मी मेरे
साथ में भी सो जाओ तुम ।।
शरद तैलंग
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