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Wednesday, December 26, 2012

बाल गीत : जाड़ों की ये सर्द चाल है




नन्मुन चुनंमुन बुरा हाल है,
जाड़ों की ये सर्द चाल है।


सूरज दादा कहाँ  सो गए ,
दिन भर ढूंढा कहाँ खो गए ।


रात -रात भर कोहरा बरसे,
कैसे कोई निकले घर से।


ओढें कम्बल और रजाई ,
फिर भी ठंड सताए भाई .


स्वेटर मोज़े और दस्ताने,
पैंट कोट ही लगें सुहाने।


नन्मुन आइसक्रीम मत खाना,
बिना कैप बाहर मत जाना।


शिखा चंद्रा

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